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अपने सपनो के लिए

आयुषी दाधीच
भीलवाड़ा (राजस्थान)

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अपने सपनों के लिए
हार को कभी हार
ना मानना तुम,
जीत को कभी जीत
ना मानना तुम,
अपने ऊपर विश्वास
रखना तुम,
कर दिखाओगे
अपना सपना
पूरा एक दिन तुम।
अपने सपनों के लिए…

जब चारो ओर
तुम्हारा ही नाम गूंजेगा,
सब को तुम्हारे ऊपर
फक्र होगा,
अपनो से अपना सा
प्यार मिलेगा ,
चारों ओर तुम्हारी ही
मेहनत का गुंज होगा।
अपने सपनों के लिए …

तुम वो सब कुछ
पा सकोगे एक दिन,
जो तुम पाना चाहते हो,
हर वो सपना जो तुम्हारी
आखों में तैरता है,
एक दिन वो तुम्हारी
मुस्कान बनेगा ।
अपने सपनों के लिए …

बस एक ही बात
याद रखना तुम,
ज़िन्दगी की राह के
राही हो तुम,
हँसते-मुस्कराते हुए
दुनिया का सामना करो तुम,
कर दिखाओगे अपना
सपना पूरा एक दिन तुम,
अपने सपनों के लिए …

परिचय :-  आयुषी दाधीच
शिक्षा : बी.एड, एम.ए. हिन्दी
निवास : भीलवाड़ा (राजस्थान)
उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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