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किसने वसंत लाया

विजय वर्धन
भागलपुर (बिहार)

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किसने वसंत लाया
किसने वसंत लाया
मीठी-मीठी कुक सुनाकर,
किसने मन भरमाया
किसने वसंत लाया

मंद-मंद चल रहा पवन है,
शीतल-शीतल निर्मल जल है
रंग विरंगे फूल खिल रहे,
भ्रमर गीत गुंजाया
किसने वसंत लाया

किसलय झांक रहे पेड़ों से,
नई नवेली निकली घर से
आमो के पेड़ों पर देखो,
मंजर फिर गदराया
किसने वसंत लाया

वीनापानि की पूजा कर,
दिल से मन से उन्हें नमन कर
एक दूजे के गालों पर,
मलकर गुलाल छिडकाया
किसने वसंत लाया

परिचय :-  विजय वर्धन
पिता जी : स्व. हरिनंदन प्रसाद
माता जी : स्व. सरोजिनी देवी
निवासी : लहेरी टोला भागलपुर (बिहार)
शिक्षा : एम.एससी.बी.एड.
सम्प्रति : एस. बी. आई. से अवकाश प्राप्त
प्रकाशन : मेरा भारत कहाँ खो गया (कविता संग्रह), विभिन्न पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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