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इस देश की माटी चंदन है

सीताराम पवार
धवली, बड़वानी (मध्य प्रदेश)
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जीतूंगा मै हर बाजी ऐसा
अपने आप से वादा करो
जितना तुम सोचते हो कोशिश
उससे भी ज्यादा करो।

किस्मत चाहे रूठे हिम्मत
और हौसला कभी ना टूटे
फौलाद से भी मजबूत
तुम अपना इरादा करो

इस माटी में हम भी जन्मे हैं
इसका कर्ज हमें चुकाना है
जिसका तुमने खाया है
उसका तुम फर्ज अदा करो।

इस दुनिया में हम आए हैं
तो मोहब्बत से जीना सीख लो
दिल मैं अगर मोहब्बत है तो
नफरत को अपने से जुदा करो।

नेक नियत और इमान से ही
इंसानियत यहां बसती है
जीवन अगर जीना है फिर
इस बुराई से पर्दा करो।

इस देश की माटी चंदन है
जर्रे जर्रे में-रब भी बसता है
हो गए कई कुर्बान वतन पर
तुम भी तन मन फिदा करो

देश के दुश्मनों को तो हमने
रन में उनकी औकात दिखाई है
इनका हमको डर नहीं मगर
ये गद्दारों को इस घर से विदा करो।

परिचय :सीताराम पवार
निवासी : धवली जिला बड़वानी (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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