Saturday, November 16राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

राजनीति करना चाहता हूँ

सुधीर श्रीवास्तव
बड़गाँव, गोण्डा, (उत्तर प्रदेश)
********************

मैं भी सोचता हूँ
कि राजनीति में कूद पड़़ूं,
इस हमाम में सब नंगे
मैं ही तन ढाक कर क्या करूँ?
तंग आ गया हूँ वोट दे देकर
क्यों न इस बार पहले टिकट
और फिर वोट की मांग करूँ।
राज की बात आपको बताता हूँ
मैं भी खूब धन कमाना चाहता हूँ
अब ईमानदारी से भला
दाल रोटी तो चल ही नहीं सकती
बस एक बार बड़ा हाथ मारना चाहता हूँ।
आलीशान बंगला महंगी गाड़ियों के
आजकल सपने बहुत आते हैं,
बस कैसे भी ये सपने अपने
पूरे कराना चाहता हूँ,
अंदर की बात है किसी से मत कहना
हवाला से धन भी कमाना चाहता हूँ,
बस एक बार मौका भर देकर तो देखिए
स्विस बैंक में अपना भी खाता खुल जाये
रुपयों से बैंक खाता भरना चाहता हूँ।
आप सबने कितनों को मौका दिया
एक बार मुझे भी देंगें तो
पहाड़ नहीं टूट जायेगा,
मैंनें तो अपना राज आपको बता ही दिया
बस एक बार सिर्फ़ एक बार
मौका तो देकर कृतार्थ कीजिये
सच बताऊँ कि मैं भी देश छोड़कर
भाग जाना चाहता हूँ।
राजनीति तो सिर्फ़ बहाना है दोस्तों
नं. दो का पैसा कमाना चाहता हूँ,
कानून के लफड़े से बचने की खातिर
नेताओं के गुण सीखना चाहता हूँ,
तिहाड़ जाकर भी नेताओं के
जलवे बहुत देखे हैं हमनें
बस यही गुरुमंत्र मैं भी
नेताओं से सीखना चाहता हूँ,
ईमानदारी से कहता हूँ
दो चार के जीवन का टिकट भी
काटना पड़े तो भी चलेगा
भाई को भाई से लड़ाना पड़े
जातिधर्म का जहर भी बोना पड़े
वो सब करने में पारंगत होना चाहता हूँ।
क्योंकि मैं पक्का नेता ही नहीं
बेशर्म, बेहया नेता भी बनना चाहता हूँ,
इसीलिए राजनीति के संगम में
उतर तीर्थाटन करना चाहता हूँ
बस! थोड़ी सी राजनीति
मैं भी करना चाहता हूँ।

परिचय :- सुधीर श्रीवास्तव
जन्मतिथि : ०१/०७/१९६९
शिक्षा : स्नातक, आई.टी.आई., पत्रकारिता प्रशिक्षण (पत्राचार)
पिता : स्व.श्री ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव
माता : स्व.विमला देवी
धर्मपत्नी : अंजू श्रीवास्तव
पुत्री : संस्कृति, गरिमा
संप्रति : निजी कार्य
विशेष : अधीक्षक (दैनिक कार्यक्रम) साहित्य संगम संस्थान असम इकाई।
रा.उपाध्यक्ष : साहित्यिक आस्था मंच्, रा.मीडिया प्रभारी-हिंददेश परिवार
सलाहकार : हिंंददेश पत्रिका (पा.)
संयोजक : हिंददेश परिवार(एनजीओ) -हिंददेश लाइव -हिंददेश रक्तमंडली
संरक्षक : लफ्जों का कमाल (व्हाट्सएप पटल)
निवास : गोण्डा (उ.प्र.)
साहित्यिक गतिविधियाँ : १९८५ से विभिन्न विधाओं की रचनाएं कहानियां, लघुकथाएं, हाइकू, कविताएं, लेख, परिचर्चा, पुस्तक समीक्षा आदि १५० से अधिक स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर की पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित। दो दर्जन से अधिक कहानी, कविता, लघुकथा संकलनों में रचनाओं का प्रकाशन, कुछेक प्रकाश्य। अनेक पत्र पत्रिकाओं, काव्य संकलनों, ई-बुक काव्य संकलनों व पत्र पत्रिकाओं, न्यूज पोर्टल्स, ब्लॉगस, बेवसाइटस में रचनाओं का प्रकाशन जारी।अब तक ७५० से अधिक रचनाओं का प्रकाशन, सतत जारी। अनेक पटलों पर काव्य पाठ अनवरत जारी।
सम्मान : विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं द्वारा ४५० से अधिक सम्मान पत्र। विभिन्न पटलों की काव्य गोष्ठियों में अध्यक्षता करने का अवसर भी मिला। साहित्य संगम संस्थान द्वारा ‘संगम शिरोमणि’सम्मान, जैन (संभाव्य) विश्वविद्यालय बेंगलुरु द्वारा बेवनार हेतु सम्मान पत्र।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *