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बेटियाँ है वरदान ईश्वर का..

प्रीतम कुमार साहू
लिमतरा, धमतरी (छत्तीसगढ़)
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अश्क बहाया करते थे बेटियों के जन्म लेने से.!
माँ भी सहमी रहती थी बेटियों को जन्म देने से..!!

बेटियों को बदनसीब, बेटों को नसीब समझते थे.!
बित गया वो दौर जो बेटों की चाहत रखते थे..!!

बेटियाँ अब कमजोर नहीं बेटों के संग चलते है.!
बेटा बेटी दोनों समान इनका अनुसरण करते है..!!

बेटियाँ है वरदान ईश्वर का, देवी से वो कम नहीं.!
लाख मुसीबत सहकर भी, होती आंखे नम नहीं..!!

सफलता के शिखर पर बेटियां परचम लहराते है.!
ऊंचे पर्वतों को लांघकर बेटियाँ तिरंगा फहराते है..!!

देश की रक्षा करने बेटियाँ, दुश्मन से टकराते है.!
मातृभूमि की रक्षा करते तिरंगे पर लिपट जाते है..!!

बेटियों ने बदल दिए रीति-रिवाज हिंदुस्तान की.!
बाप की अर्थी को कंधा देते बेटियाँ हिंदुस्तान की..!!

गर्व है इन बेटियों पर जो कंधे मिलाकर चलते है.!
अपने जिस्म, जान की अब खुद हिफाजत करते है..!!

परिचय :- प्रीतम कुमार साहू (शिक्षक)
निवासी : ग्राम-लिमतरा, जिला-धमतरी (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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