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बापू जी धन्य हो गए

धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
बालोद (छत्तीसगढ़)
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प्रकाश पुंज के पथ प्रशस्त कर बापू जी धन्य हो गए।
सत्य अहिंसा का मार्ग बताकर बापू जी पुण्य हो गए …

सरल सहज सरस सौम्य स्वभाव व्यक्तित्व के धनी थे,
सादा जीवन उच्च विचार सुमधुर व्यवहार के मनि थे।

हे राम ! कहकर भारत में बापू जी पूजनीय हो गए..

साबरमती आश्रम का सृजनकर संत वे कहलाए,
मोहनदास को उपाधि मिली तो महात्मा कहलाए।

सत्कर्म सबक सिखाकर दुनिया में बापू जी अमर हो गए…

सादा ऐनक खादी कपड़ा सफेद धोती पहनते थे,
आंदोलन में भाग लेने लाठी पकड़ सरपट वो चलते थे।

गुलामी की जंजीरों से मुक्तकर बापू जी महान हो गए…

श्रवण करता श्रद्धा सुमन गांधी जी की पुण्य स्मृति में,
राम राज्य का सपना संजोने सॅंवार लें हम संस्कृति में।

रघुपति राघव राजा राम* बापू जी के प्रिय भजन हो गए..

परिचय :- धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
निवासी : भानपुरी, वि.खं. – गुरूर, पोस्ट- धनेली, जिला- बालोद छत्तीसगढ़
कार्यक्षेत्र : शिक्षक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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