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नेताजी सुभाषचंद्र बोस

संजय जैन
मुंबई (महाराष्ट्र)
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नेताजी को याद करके
श्रध्दा सुमन अर्पित करता हूँ।
उन की बोली बातों को
जन-जन तक पहुंचना है।
और देशप्रेम की ज्वाला को
युवाओं में फिरसे जलाना है।
और भारत को फिरसे
आजाद कराना है।।

नेता जी का वो कथन
युवाओं को तब भाया था।
जब उन्होंने आजाद हिंद
फौज को बनाया था।
और कहा था की तुमहमें
खून दो मैं आजादी दूंगा।
और अपने हिंदुस्तान को
अंग्रेजो से मुक्त करा लेंगे।।

नेताजी खुद से और अपने
साथीयों से कहते थे कि।
कमीयां तो मुझमें बहुत है
पर मैं बेईमान नहीं हूँ।
मैं सबको अपना मानता हूँ और
फायदा या नुकसान नहीं सोचता।
शौक है बलिदान देने का
जिसका मुझे गुमान नहीं।
छोड़ दूँ संकट में अपनो का साथ
वैसा तो मैं इंसान नहीं।
सबसे आगे मैं चलूँगा दोस्तों
आप लोगों को पीछे चलना हैं।।

मौका दीजिये अपने खून को
औरो की रगों में बहने का।
ये लाजबाव तरीका है हिंदुस्तानियों के
दिलों में जिंदा रहने का।
क्योंकि ये रिश्ते बड़े प्यारे होते है
जिनमें न हक हो न शक हो।
न दूर हो न पास हो
न जात हो न जज्बात हो।
सिर्फ अपनेपन का हर दिल में
बस देश प्रेम का एहसास हो।
और हमारा हिंदुस्तान हमेशा
आजाद हो आजाद हो।।

परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं। ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी के चलते कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। आप मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखने के साथ-साथ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है, आप लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
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