अर्चना अनुपम
जबलपुर मध्यप्रदेश
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मानवता के मूल मिटे जिम धूल
शूल स्वारथ के गाड़े।
स्वास करे निर्मूल धरावे फूल
चिता जीवत महि बारे ।।
लालच को संसार बढ़ो व्यापार
विचार अपावन सारे।
नाता ना मनुहार भयो अंधकार
विलोपित धर्म हमारे।।
बैरी भए मनमीत प्रीत की रीत
हार संसार बिसारें।
वृद्ध जनन की सीख दंत तल पीस
खीज आपन पे झारें।।
समुझावत बड़वार तबउ मय
पीवत नाद पड़े भिन्सारे।
वस्त्र लुप्त उन्मुक्त संतति घूमें
हाय देह उघारे।।व्याख्या- मानवता के मूल्य सड़क पर पड़ी किसी धूल की भांति उड़ाती आज की पीढ़ी स्वार्थ के तीखे बाण हृदय में चुभोती सी, स्तर स्वार्थ का यूँ कि स्वास लेते शरीर को कौन पूँछे? उनका बस चले तो कपट कर अपना मतलब साधकर बुजुर्गों को जीवित स्वाहा कर दें कर भी रहे हैं। लालच व्यापि इस संसार में संबंधों का व्यापार अब आम हो चला है, अर्थात नवीन सम्बंध अब मात्र रुपयों की बुनियाद पर तय किये जाते हैं। किसी एक को क्या कहूँ? सभी के विचार ऐंसे ही अपावन प्रतीत होते हैं। रिश्ते नातों में अब मनुहारी नहीं अकड़ मात्र शेष रह गई है, ऐंसे अकड़ वालों को प्रतिउत्तर देना ही पड़ता है जिससे विवाद वैमनस्यता उपजते हैं जो हमारे धर्म का अलोप करते जा रहे हैं।
जो पति-पत्नी हैं वो आपस में बैर का भाव रखते दिख रहे हैं, जो नहीं हैं वो दिखावटी क्षणिक आकर्षण में सारी मर्यादा लांघकर पूर्वजों के कुल का गौरव भुलाकर अमर्यादित तौर पर सार्वजनिक स्थानों पर देखे जा रहे हैं। बड़े बूढों के टोकने पर दांत पीसकर अपनी सारी खीज जो उनकी स्वच्छन्दता में उन्हें बाधा लगती है आयु का लिहाज किये बिना उन्ही पर निकाल देते हैं। जिनके दिए शरीर की बदौलत संसार का उपभोग कर रहे हैं।
बड़ो की सुनना दूर बल्कि उनसे दूरी बनाकर व्यसनों में डूबती युवा पीढ़ी सुबह किसी नाली नर्दे में भी धुत्त पड़ी होकर नहीं शर्मा रही देह पर आधे-अधूरे फटे चीथड़े लटकाकर घूमते दिख रहे हैं। जिसे वो अपने जीवन को जीने का बिंदास तरीका बताते हैं।
परिचय :- अर्चना पाण्डेय गौतम
साहित्यिक उपनाम – अर्चना अनुपम
मूल निवासी – जिला कटनी, मध्य प्रदेश
वर्तमान निवास – जबलपुर मध्यप्रदेश
पद – स.उ.नि.(अ),
पदस्थ – पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय जबलपुर जोन जबलपुर, मध्य प्रदेश
शिक्षा – समाजशास्त्र विषय से स्नात्कोत्तर
सम्मान – जे.एम.डी. पब्लिकेशन द्वारा काव्य स्मृति सम्मान, विश्व हिन्दी लेखिका मंच द्वारा नारी चेतना की आवाज, श्रेष्ठ कवियित्री सम्मान, लक्ष्मी बाई मेमोरियल अवार्ड, एक्सीलेंट लेडी अवार्ड, विश्व हिन्दी रचनाकार मंच द्वारा – अटल काव्य स्मृति सम्मान, शहीद रत्न सम्मान, मोमसप्रेस्सो हिन्दी लेखक सम्मान २०१९..
विधा – गद्य पद्य दोनों..
पुरस्कार : १४ सितम्बर २०२० हिन्दी दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच (hindirakshak.com) इंदौर मध्य प्रदेश द्वारा अखिल भारतीय कविता सृजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त।
भाषा – संस्कृत, हिन्दी भाषा की बुन्देली, बघेली, बृज, अवधि, भोजपुरी में समस्त रस-छंद अलंकार, नज़्म एवं ग़ज़ल हेतु उर्दू फ़ारसी भाषा के शब्द संयोजन।
विशेष – स्वरचित रचना विचारों हेतु विभाग उत्तरदायी नहीँ है.. इनका संबंध स्वउपजित एवं व्यक्तिगत है।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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