सुश्री हेमलता शर्मा “भोली बैन”
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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रोज की तरह दूर से आती मधुर संगीत की कर्णप्रिय ध्वनि आज माधवी को बिल्कुल नहीं भा रही थी … पता नहीं लोग २४ घंटे क्यों संगीत सुनते रहते हैं?… उसके बेटे का चयन जो नहीं हुआ था-संगीत प्रतियोगिता में… योग्यता की कोई कद्र ही नहीं है… उसे चुन लिया जिसे संगीत की कोई समझ नहीं… बड़े बाप का बेटा जो ठहरा… एक कड़वाहट-सी उसके भीतर घुलकर उसके शरीर को कसैला बना रही थी… तभी महरी की आवाज ने उसे चौंका दिया- “बीबी जी हमार बचवा का एडमिसन बड़े सकूल में हो गया है ! वो मोहल्ला के सकूल वालों ने तो भरतीच नी किया था…पर मेरे को उसकी योग्यता पे भरोसा था…”कहकर अपने काम में लग गई, लेकिन अनजाने ही माधवी को योग्यता पर भरोसा रखने का संदेश दे गई। अब माधवी का मन हल्का हो गया था। उसे अब वह संगीत की ध्वनि पुनः मधुर लगने लगी थी।
निवासी : इंदौर (मध्यप्रदेश)
जन्म तिथि : १९ दिसम्बर १९७७ जन्मस्थान आगर-मालवा
शिक्षा : स्नातकोत्तर, पी.एच.डी.चल रही है
कार्यक्षेत्र : वर्तमान में लेखिका सहायक संचालक, वित्त, संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा, इंदौर में द्धितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत है। इससे पूर्व पी.आर.ओ. के रूप में जनसम्पर्क विभाग में कार्य कर चुकी है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती है। म.प्र.संदेश, अभिव्यक्ति जैसी शासकीय पत्रिकाओं एवं दैनिक भास्कर, नई दुनिया जैसे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में आपके आलेख एवं कविताएं प्रकाशित होती रही है। सामाजिक क्षेत्र- इंदौर शहर ही है। हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक सम्मान, राष्ट्रीय सुरभि साहित्य संस्कृति अकादमी से उत्कृष्ट कवियित्री सहित अनेक सामाजिक साहित्यिक संस्थाओं से विभिन्न सम्मान प्राप्त हो चुके है। शासकीय क्षेत्र में भी उत्कृष्ट कार्य हेतु तीन बार सम्मानित किया जा चुका है।
उपलब्धि : म.प्र.राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित आगर-मालवा जिले की प्रथम प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न अवसरों पर मंच संचालन, मालवा थियेटर के कलाकार के रूप में मालवी बोली के प्रचार-प्रसार हेतु ’’मालवा-री-मिठास’’ के माध्यम से प्रचार-प्रसार एवं आनंदक के रूप में विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से समाज सेवा एवं जन कल्याण कार्यो में भागीदारी करना है । आपके लेखन का उद्देश्य मातृभाषा हिन्दी का प्रचार-प्रसार करना है।
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