Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

तू नारी है तू भी जी ले…

डॉ. सुलोचना शर्मा
बूंदी (राजस्थान)
********************

खुले घाव को बखिया करले
फटे जख्म पेबंद लगा ले
रंजो गम को दरकिनार कर
तकलीफों पर बाम लगा लें
तू नारी है तू भी जी ले

पल्लू के पहले कोने पर
बांध समय अपने हिस्से का
सखी सहेली संग साथ ले
कुछ अपनी मर्ज़ी का कर ले
तू नारी है तू भी जी ले…

रिश्ते नाते बहुत सवांरे
बिखरे कुंतल भी सवांरले
सख्त इरादे रख मुट्ठी में
तारे धरती पर उतार ले
तू नारी है तू भी जी ले…

देवी बनकर नहीं पुजाना
नेह उड़ेल सबको समझादे
तू है सृजना इस सृष्टि की
कभी बोलकर भी बतला दे
तू नारी है तू भी जी ले…
तू इंसां है तू भी जी ले!!!

परिचय :- डॉ. सुलोचना शर्मा
निवासी : बूंदी (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *