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आना जाना

दिनेश कुमार किनकर
पांढुर्ना, छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)
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लगा हुआ है आना जाना!
बंदे इस पर क्या पछताना!

सृष्टि ने यह नियम बनाया,
जो भी जीव यहां हैं आया,
वक़्त सीमित सबने पाया,
रह कर बंदे इस दुनिया में
इक दिन सबको चले जाना!…

सारे आने वाले यहां पर,
देखे दुनियादारी यहां पर,
मेरा मेरा ही करे यहां पर,
इतना सा भूल है जाता,
कुछ भी साथ नही जाना!….

ये दुनिया जानी पहचानी,
वो दुनिया तो है अनजानी,
दोनों की हैं अजब कहानी,
चले गए जो इस दुनिया से,
नही उन्हें अब वापस आना!…

सुख- मंदिर जग में सारे,
लगते जो हैं सब को प्यारे
पर ये नही है तारणहारे
करना होगा सत्कर्म फ़कत
यही तो बस साथ हैं जाना!…

परिचय –  दिनेश कुमार किनकर
निवासी : पांढुर्ना, जिला-छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र :  मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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