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दिल से

डोमेन्द्र नेताम (डोमू)
मुण्डाटोला डौण्डीलोहारा बालोद (छत्तीसगढ़)
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वो यादें वो लम्हें वो बातें वो दिन,
क्यां लिखूं मैं अपनी कलम से।
वो दोस्तों के साथ बितें दिनों की
बात क्यां कहूं मैं अपने दिल से।।

आखिर अपने तो अपने ही होते है
याद कर लेता हूं मैं फिर से।
बस यूं चलते रहे आगे बढ़ते रहे
मिलेंगी सफलता जरुर राही ने कहां मंजिल से।

दिल की सुन अपनी मन की कर और
आगें बड़ लहारों ने कहां साहिल से।
जिंदगी एक खेल हैं कभी खुशी-कभी गम है
और मत ले टेंशन जियों दिल से।।

गीत-संगीत‌ सुर ताल जहां
सुनाई देती है भरी महफिल से।
हर समंदर के उस पार तैर कर जाना है
जहां गहराई ही क्यों न हो झिल से।।

परिचय :- डोमेन्द्र नेताम (डोमू)
निवासी : मुण्डाटोला डौण्डीलोहारा जिला-बालोद (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

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