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माँ

शैलेष कुमार कुचया
कटनी (मध्य प्रदेश)
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घूम लो चाहे सारी दुनिया
सुकून तो भी नही मिलेगा
सर रख लो दो पल
गोद मे माँ के
आराम मिलेगा।।

हर ईलाज की यहाँ दवा है
जब करे ना कोई गोली असर
आना माँ की गोद मे
आराम मिलेगा।।

जब दिखे ना कोई रास्ता
उलझन में रहे मन
दे ना कोई रिश्ता साथ
आना माँ की गोद मे
आराम मिलेगा।।

छप्पन भोग खाके भी
बोध नही होगा
बासी रोटी मिल जाये
हाथ से माँ के तो पेट मे
आराम मिलेगा।।

थक हार कर आया
रखा जो कदम
चौखट पर देखते ही
माँ को
सच कहता हूँ दोस्तो
थकान से
आराम मिलेगा।।

परिचय :-  शैलेष कुमार कुचया
मूलनिवासी : कटनी (म,प्र)
वर्तमान निवास : अम्बाह (मुरैना)
प्रकाशन : मेरी रचनाएँ गहोई दर्पण ई पेपर ग्वालियर से प्रकाशित हो चुकी है।
पद : टी, ए विधुत विभाग अम्बाह में पदस्थ
शिक्षा : स्नातक
भाषा : हिंदी, बुंदेली
विशेष : स्वरचित रचना, विचारो हेतु विभाग उत्तरदायी नही है, इनका संबंध स्वउपजित एवं व्यक्तिगत है।
घोषणा : में यह प्रमाणित करता हूं, कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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