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तेरी ईर्ष्या में …

अशोक पटेल “आशु”
धमतरी (छत्तीसगढ़)
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तेरी ईर्ष्या में क्या रखा है,
जरा प्यार करके तो देख।
यह जिंदगी बड़ी प्यारी है
जरा यकी करके तो देख।
ये जिंदगी कितनी हसीन होगी,
किसी को उपहार दे के तो देख।
तेरी ईर्ष्या में…..

इस ईर्ष्या में बड़ी तपन है,
इसे शीतल करके तो देख।
यह शोला है और अगन है,
तू इसको बुझा के तो देख।
इसी धरा में जन्नत उतर जाएगी,
किसी को उपकार करके तो देख।
तेरी ईर्ष्या में…..

ये ईर्ष्या ये जलन बड़ी बुरी है,
इस जलन को तू बुझा के देख।
मन को मन से ये करती दूरी है,
तू जरा सा पास आ के देख।
ये जिंदगी तेरी सवँर जाएगी,
तू जरा सा प्यार करके तो देख।
तेरी ईर्ष्या में…..

परिचय :अशोक पटेल “आशु”
निवासी : मेघा-धमतरी (छत्तीसगढ़)
सम्प्रति : हिंदी- व्याख्याता
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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