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किस्मत के भरोसे मत बैठो

प्रीतम कुमार साहू
लिमतरा, धमतरी (छत्तीसगढ़)
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जीवन पथ पर लड़ सकते हो
आगे तुम भी बढ़ सकते हो
त्याग दो आलस का दामन
किस्मत के भरोसे मत बैठो….!!!

मिला नहीं उसे ला सकते हो
श्रम कर आगे बढ़ सकते हो
जो चाहो तुम पा सकते हो
किस्मत के भरोसे मत बैठो……!!

रगो में साहस भर सकते हो
मुसीबतों से लड़ सकते हो
दौड़ नहीं तो चल सकते हो
किस्मत के भरोसे मत बैठो….!!

सूरज सा निकल सकते हो
लक्ष्य हासिल कर सकते हो
इतिहास नया तुम गड़ सकते हो
किस्मत के भरोसे मत बैठो….!!

परिचय :- प्रीतम कुमार साहू (शिक्षक)
निवासी : ग्राम-लिमतरा, जिला-धमतरी (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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