Saturday, September 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

हिंद रक्षक

सुधाकर मिश्र “सरस”
किशनगंज महू जिला इंदौर (म.प्र.)
********************

खून खौला था कभी हम
भारतीय सिंहों का जब
काल बनकर किया तांडव
विदेशी कायरों पे तब
फिर से गरम खून वाली
वो जवानी चाहिए
भर दे ज्वाला इन रगों में
वो रवानी चाहिए
हम क्यों बने रहते हैं अंधे
भोंके जब दुश्मन कटार
अनसुनी करते हैं क्यों
अपनों की सुनकर चीत्कार
हो गया अब बहुत आग हर
सीने में जलनी चाहिए
फिर से गरम खून वाली
वो जवानी चाहिए
भर दे ज्वाला इन रगों में
वो रवानी चाहिए
भूलकर इतिहास से हम
सीख कुछ लेते नहीं
मूढ़ बनकर चुप हैं रहते
अब भी कुछ चेते नहीं
प्रताप भगत सुभाष की
घर-घर कहानी चाहिए
फिर से गरम खून वाली
वो जवानी चाहिए
भर दे ज्वाला इन रगों में
वो रवानी चाहिए
कुचक्र चालें चल रहें फिर
देश के दुश्मन सभी
भूलकर भी हम ना भूलें
दुश्मनों के छल कभी
भाँप लें छलियों को वो
आंखें सयानी चाहिए
फिर से गरम खून वाली
वो जवानी चाहिए
भर दे ज्वाला इन रगों में
वो रवानी चाहिए
अपने छूटे घर भी छूटा
सुख के पल सब खोये थे
हंसते हुए फांसी पे चढ़कर
बीज क्रांति के बोये थे
उन अमर शहीदों के लिए
आंखों में पानी चाहिए
फिर से गरम खून वाली
वो जवानी चाहिए
भर दे ज्वाला इन रगों में
वो रवानी चाहिए

परिचय :-  सुधाकर मिश्र “सरस”
निवासी : किशनगंज महू जिला इंदौर (म.प्र.)
शिक्षा : स्नातक
व्यवसाय : नौकरी पीथमपुर
जन्मतिथि : ०२.१०.१९६९
मूल निवासी : रीवा (म.प्र.)
रुचि : साहित्य पठन व सृजन, संगीत श्रवण
उपलब्धि : आकाशवाणी रीवा से कहानियां प्रसारित, दैनिक जागरण रीवा से कहानियां प्रकाशित। वर्तमान में, महू से प्रकाशित साप्ताहिक “प्रिय पाठक” में नियमित रूप से कविताएं व लघुकथाएं प्रकाशित। अन्य साहित्य पटल पर भी सक्रिय।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *