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सत्य पथ को आजमा ले

अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवाड़ी
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तू रात दिन रोता फिरे,
निज़ पाप का परिणाम है।
प्रारब्ध को भी समझ तू,
जो पाप तेरे नाम है।

तू न समझेगा अभागे,
मति तेरी मारी गई।
कुपथ ही अपना लिया तब,
अक्ल भी सारी गई।

भटकता फिरता सदा ही,
छोड़कर सद्कर्म तू।
जिंदगी का भी समझ ले,
फल सफा और मर्म तू।

जब तलक ए जिंदगी है,
तू भटकता ही फिरेगा।
जो ना समझेगा प्रभू को,
पा पतन नीचे गिरेगा।

वक्त है अब भी संभल जा,
सत्य पथ को आजमा ले।
जो बचा है शेष जीवन,
कर दे तू प्रभु के हवाले।

दौड़ कर बाहों में लेंगे,
तुझको प्यारे राम जी।
भुलाकर अपराध तेरे,
देंगे अपना धाम भी।।

परिचय :अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवासी : निवाड़ी
शिक्षा : एम.एस.सी एम.एड स्वर्ण पदक प्राप्त
सम्प्रति : वरिष्ठ व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक २ निवाड़ी
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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