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आओ बच्चों तुम्हें बताएँ

धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
बालोद (छत्तीसगढ़)
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आओ बच्चों तुम्हें बताएँ
समझो बाल सम्मान की ।
बाल दिवस का त्योहार है आज
संस्कारों से भरा खान की ।।

माता पिता के राजदुलारे
चाचा नेहरू कहलाते हैं ।
बच्चों के वे हैं प्यारे
इसीलिए बाल दिवस मनाते हैं।
गाँधी टोपी पहनते कुरता
और लाल गुलाब लगाते हैं।
नेहरू का जन्म दिवस मनाएँ
उनके आदर्शों को अपनाते हैं ।

देखो ऊपर तस्वीर है जिनके
नेहरू की पहचान की
बाल दिवस का त्योहार है आज
संस्कारों से भरा खान की ।

खेलो कूदो और बनो गुणवान
पढ लिखकर बनाओ पहचान ।
माता पिता का कहना मानो
बड़े बुजुर्गों का करो सम्मान ।
मिला तुम्हें बाल अधिकार
जीवन स्तर का ये वरदान ।
भेदभाव न करो शिक्षा की
लड़की लड़का एक समान ।
जीवन की मूलभूत जरूरत है
समझो रोटी कपड़ा मकान की ।
बाल दिवस का त्योहार है आज
संस्कारों से भरा खान की ।

जिम्मेदारी को समझकर ही
बाल हित में काम करना है ।
नशीली पदार्थों से संयमित होकर
और अपहरण से बचना है ।
विवेकी और नेकी कार्य कर
सर्वविकास में भागीदारी बनना है ।
किशोरी न्याय अब तुम जानो
बाल संरक्षण को समझना है ।

जीवन को स्वर्ग बनाओ
हक अधिकार आत्म सम्मान की ।
बाल दिवस का त्योहार है आज
संस्कारों से भरा खान की ।।

परिचय :- धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
निवासी : भानपुरी, वि.खं. – गुरूर, पोस्ट- धनेली, जिला- बालोद छत्तीसगढ़
कार्यक्षेत्र : शिक्षक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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