Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जज्बा ये जोश बाक़ी है।

अशोक पटेल “आशु”
धमतरी (छत्तीसगढ़)
********************

अभी भी हमारे दिलों में
जज्बा ये जोश बाक़ी है।
मेरे देश को आंच न आये
अभी होशो-हवास बाकी है।

अपने वतन के लिए
ये जिस्मो-जान बाकी है।
कुछ काम आ सके हम
वक्त पर ये जज्बात बाकी है

मिट्टी का रखो ध्यान
इस मिट्टी का एहसान बाकी है।
मिट्टी के बिना हम कुछ नही
इसका मोल चुकाना बाकी है।

वतन के राह जो फना हुए
उनके लिए जीना बाकी है।
उनकी शहादत जाया न हो
उनके लिए इबादत बाकी है।

उनकी शहादत को सलाम है
अभी हमारी खिदमत बाकी है।
उन्होंने जो समर्पण किया है
उसका कीमत चुकाना बाकी है।

ओ आसमा से जमी को देखते होंगे
अभी भी हम में कुछ कमी बाकी है।
जीते जी कुछ अच्छा करलो यारों
अभी भी वक्त और जज्बा बाकी है।

परिचय :अशोक पटेल “आशु”
निवासी : मेघा-धमतरी (छत्तीसगढ़)
सम्प्रति : हिंदी- व्याख्याता
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *