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प्यारी भाभी

निर्दोष लक्ष्य जैन
धनबाद (झारखंड)
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 सीमा ओर रीता दोनों एक ही कॉलेज ओर एक ही क्लास में पढ़ती है, दोनों पक्की सहेली है। रीता के पिता का इलेक्ट्रॉनिक समान का बड़ा शोरूम था। सीमा एक गरीब मजदूर की बेटी थी। इससे उनकी दोस्ती पर कोईप्रभाव नहीं पड़ा। दोनों में अटूट प्रेम था। रीता का बर्थडे था उसने सीमा को निमंत्रित किया ओर तुम्हें बर्थडे पार्टी में जरूर आना है अन्यथा मैं केक नहीं काटुंगी सीमा को रीता की जिद्द के आगे झुकना पड़ा उसने हाँ कर दी। शाम को जब पार्टी के लिये तईयार होने लगी तो उसे एक भी ऐसे कपड़े नजर नहीं आये जिन्हे पहनकर पार्टी में जा सके उसने जाने का प्रोग्राम कैंसिल करना पड़ा वह नहीं चाहती थी की उसके चलते सीमा को शर्मिंदगी का सामना करना पड़े वह मन मारकर रह गई इधर जब सीमा का इंतजार कर के रीता गाड़ी लेकर उसके घर पहुंची ओर बोली तुम क्यों नहीं आई तुम जानती हो मैं तुम्हारे बिना जन्म दिन नहीं मना सकती तभी सीमा की माँ बोली बेटा ये तो जाने को तैयार हो रही थी पर पार्टी लायक एक भी कपड़े इसके पास नहीं थे॥ रीता जिद्द कर सीमा को अपने साथ पार्टी में लेकर आई सीमा को देख उसके माता पिता को बहुत खराब लगा रीता की सहेलियां भी अजीब नजरों से सीमा को घूर रही थी रीता को इन सबकी कोई परवाह नहीं थी उसने सीमा का हाथ पकड़ कर केक काटा ओर पहला टुकड़ा सीमा को अपने हाथों से खिलाया उसके अपने भाई राकेश को केक खिलाया। ये देख उसके पापा मम्मी ओर पार्टी मौजूद सभी को बहुत खराब लगा सीमा भी सब महसूस कर रही थी पर रीता के प्यार के चलते वो मजबूर थी। पार्टी के खत्म होने पर रीता अपने भाई के
साथ उसके घर छोड़ने गए। रीता वापस जब घर पहुंचे तो उसके मम्मी पापा इंतजार कर रहे थे वो बड़े गुस्से में बोले तुमने हमारी नाक कटवा दी दोस्ती बराबर वालो के साथ अच्छी लगती है आज के बाद तुम उससे नहीं मिलोगी।
रीता चुप थी तभी उसका भाई राकेश बोला सीमा अच्छी लड़की है गरीब है तो क्या हुवा पापा मुझे भी सीमा बहुत अच्छी लगती है आपने मेरी शादी के लिये कितनी लड़की दिखाई मुझे एक भी पसंद नहीं आई। सीमा के मुकाबले न तो वे सुंदर थी ओर ना ही उनके संस्कार… मैं सीमा से शादी करना चाहता हूँ उसमे बस एक कमी है वो गरीब है परंतु उससे मुझे क्या लेना सीमा हर तरह से इस घर की बहु बनने लायक
ओर बनेगी भी ये मेरा फैसला है कहकर रीता के साथ अपने कमरे में चला गया रीता भाई के फैसले से बहुत खुश थी। आखिर में रीता के माता-पिता को राकेश की जिद्द के आगे घटने टेकने पड़े वो जानते थे की राकेश ओर रीता दोनों जिद्दी है।
अगले दिन रविवार था रीता राकेश उसके माता-पिता सभी सीमा के घर पहुंचे।सीमा घबरा गई उसने सबको बड़े आदर के साथ बिठाया ओर चाय बनाने चली गई सीमा के माता-पिता उनके पास बैठ गए वो सिर्फ रीता को जानते थे उन्होने रीता की तरफ देखा। रीता बोली अंकल ये मेरे मम्मी-पापा ओर मेरा भाई राकेश है।
पापा आपसे भइया के लिए सीमा का हाथ मांगने आए है। सीमा के पापा बोले बेटी तुम दोनों सहेली हो ये तो ठीक है परंतु मेरे जैसा मजदूर आदमी सपने में भी नहीं सोच सकता हम आप लोग के बराबर नहीं है रिश्ता बराबर का ही अच्छा होता है। सुन रीता के पापा उठे ओर सीमा के पापा को गले से लगाते हुए बोले ये हमारी किस्मत है की सीमा हमारे घर की बहु बनेगी। सीमा सारी बात सुन रही थी तभी उसके पापा बोले यदि सीमा को राकेश पसंद है तो मुझे कोई आपति नहीं सीमा ने शर्म से सर झुका लिया रीता ने उसे प्यारी भाभी कहकर गले से लगा लिया। राकेश बहुत खुश था उसका प्यार जो उसे मिल गया था। दोस्तो रिश्ते ऊपर से ही बनकर आते है सच्चे प्यार के बीच कभी दौलत की दीवार रोड़ा नहीं बन सकती।

परिचय :- राजीव निर्दोष लक्ष्य जैन
निवासी – धनबाद (झारखंड)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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