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धनतेरस आई

संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
भोपाल (मध्यप्रदेश)

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कार्तिक मास कृष्ण पक्ष।
तेरस तिथि धनतेरस आई।
संग अपार खुशियां लाई।

भारत भू-वासी धनतेरस।
पर्व मना अति हर्षित हो गाई।
चहुँओर आनंद,उमंग छाई।

धनतेरस दिवस समुद्र मंथन।
काल वेदध धनवंतरी अमृत।
कलश भारतावासी पाई।

आज सकल जन धन्वंतरी।
देव पूजन अर्चन कर।
निरोगी काया आशीर्वाद पाई।

सबहि निरोगी काया।
वरदान पा उर हर्ष भायी।
सबहि जन धन्य-धन्य हो जाई।

परिचय :- श्रीमती संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
निवासी : भोपाल (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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