Sunday, November 24राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मैं नारी हुँ

राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ‘राज’
बागबाहरा (छत्तीसगढ़)

********************

मैं नारी हुँ
मेरे अंदर भी एक नरम दिल है
एक प्यारा प्यारा सा एहसास है
मैंने भी कुछ सुनहरे ख्वाब देखा है
पंक्षियों की तरह आसमां में उड़ना चाहती हूँ
आज समाज में नारी सम्मान विडंबना है
पुरुष प्रधान समाज से नारी मन आहत है
आज नारी ही नारी के कारण सबसे असुरक्षित है
कारण नारी ही नारी की शत्रु बन गई है
बेवजह ही नारी को आरोपित किया जाता है
जबरदस्ती झूठे लांछन लगाया जाता है
अपनी कोख से असह्य पीड़ा सह जन्म देती है
सीने को चीरकर दुग्ध की धारा बहाती है
सारा कष्ट सहनकर भी वो मरहम लगाती है
नारी है तो क्या गर्त में डाल दोगे
सारा समाज नारी को बोझ समझता है
गर्भ में ही मारकर दुनिया में आने से रोकता है
पुरुष के संरक्षण में प्रताड़ित पल्लवित होती है
मंदिर में नारी शक्ति की पूजा करता है
घर की नारी शक्ति को प्रताड़ित करता है
इंसानी पशुओं से मध्य अपने आप को बचाती हुँ
पुरुषों की कुत्सित निगाहों,फरेबी वादों
हवसी नजर,दरिंदगी चालों, प्रेम से फुसलाते है
मीठी बातों के छद्म जाल में फंसाकर शिकार बनाते है
नारी की अस्मत को तार तार कर सड़कों में फेंक देता है
सिर्फ इसलिए कि मैं नारी हुँ
इसलिये सारे के सारे अधिकार पुरुष को है
मैं नारी हुँ इसलिये मेरी कोई महता नही समझते है
ऐ पुरुष प्रधान समाज के लोगों जरा ध्यान से सुनो
मैं ही प्रकृति हुँ,मैं ही सब हुँ,मैं ही रब हुँ,क्योंकि में ही नारी हुँ
मैं ही शिव,मैं ही शक्ति,मैं ही सुंदर,मैं ही अर्धनारीश्वर हुँ
नारी बिना पुरुष अस्तित्व विहीन शक्तिहीन है
मैं नारी हुँ

परिचय :-  राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ‘राज’
निवासी : बागबाहरा (छत्तीसगढ़)
सम्प्रति : प्राचार्य सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बागबाहरा
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *