Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

शाला परिदृष्य

रश्मि श्रीवास्तव “सुकून”
पदमनाभपुर दुर्ग (छत्तीसगढ़)
********************

निर्जीव पड़ी इस शाला में,
फिर जीवन का संचार हुआ।
बच्चों की कोलाहल से फिर,
शाला प्रांगण गुलजार हुआ।।
मैदान खेल के थे वही,
वही मीठी गोली का बाजार हुआ।
स्कूल में आकर पढ़ने का,
फिर से सपना साकार हुआ।।
एक अंतराल के बाद मिले,
आपस में खूब प्यार हुआ।
फिर शुरु हुई कट्टी बट्टी,
फिर जमकर के तकरार हुआ।।
अच्छे खासे हम पढ़ते थे,
फिर कोरोना का संचार हुआ।
स्कूल खुलते फिर बंद होते,
एक बार नहीं कई बार हुआ।।
मुँह पर थी पट्टी लेकिन,
आंखों से ही प्रतिकार हुआ।
सही गलत की थी पहचान,
प्रभावित बच्चों का व्यवहार हुआ।।
खुली टिफ़िन तो एक रोटी का,
हिस्सा फिर से चार हुआ।
छीना-झपटी पकड़म-पकड़ी,
जो जीता वो सरदार हुआ।।
थी मोबाइल पर पाबंदी,
इस सूचना का प्रसार हुआ।
ऑनलाइन की इस अवधि में,
मोबाइल ही तारणहार हुआ।।
कापी पुस्तक और गणवेशॉ का,
फिर से शुरू व्यापार हुआ।
पहले से जेबे ढीली थी,
उस पर फिर एक प्रहार हुआ।।
पर बात भविष्य की थी बच्चों की,
घर पर यह सोंच विचार हुआ।
अपनी जरुरत में कटौती की,
तब बच्चों का बेड़ापार हुआ।।

परिचय : रश्मि श्रीवास्तव “सुकून”
निवासी : मुक्तनगर, पदमनाभपुर दुर्ग (छत्तीसगढ़)
घोषणा : मैं यह शपथ पूर्वक घोषणा करती हूँ कि उपरोक्त रचना पूर्णतः मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें….🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *