Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कलयुग का विनाश

मनीष कुमार सिहारे
बालोद, (छत्तीसगढ़)
********************

घोर दयनीय दशा देख,
मन में उठा सवाल है।
ये तांडवम महादेव का,
या कलयुग का विनाश है।।
बढ़ती महामारी है साथ,
काबुल के जंगलों में आग है।
अच्छे खासे फसल यहां,
गजदलों का प्रहार है।।
एक राष्ट्र अफगानिस्तान,
आज तालिबानों का गुलाम है।
ये कर्मफल है अपना,
या ईश्वर की मायाजाल है।
है दो देशों का झगड़ा,
या तृतीय विश्व युद्ध का कगार है।।
घोर दयनीय दशा देख,
मन में उठा सवाल है।
ये तांडवम महादेव का,
या कलयुग का विनाश है।।
सतयुग त्रेता द्वापर गए,
बचा वो बस इतिहास है।
पशु पक्षी अदृश्य हुए,
संकट में कलयुग आज है।।
बदल रहे ये प्रकृति भी ,
मौसम में भी बदलाव है।
सावन में सुखा खार,
और भादो में दरिया बाढ़ है।।
लाखों लोग मारे गए,
क्या और कब्र तैयार है।
कर वाकिफ मुझे ऐ खुदा,
क्यों इतना तू नाराज़ हैं।।
प्रेम बंधन तूझसे है,
फिर क्यों तू अपना खिलाफ है।
तू ही दाता तू विधाता,
फिर क्यों तू नाशकार है।।
घोर दयनीय दशा देख,
मन में उठा सवाल है।
ये तांडवम महादेव का,
या कलयुग का विनाश है।।
ये कैसी रचना है तेरी,
ये कैसी मायाजाल है।
लाखों लोग मारे यहां,
पर कब्र ना कब्रिस्तान है।।
मात -पिता की ऐसी कर्मा,
लिखित ना कोई पुराण है।
हो कैसे रचनाकार तुम,
आरंभ से पहले पर्यवसान है।।
टिड्डो का प्रकोप इस धरती,
पे कल आए है।
हुआ फिर फसलों पे ताण्डव,
या महामारी का फैलाव है ।।
अचानक वो टिड्डा कहा गए
वो टिड्डा आज गुमनाम है
अब फसलों पे बाईल धरे
पर बाईल पे ना दूध आय है
घोर दयनीय दशा देख,
मन में उठा सवाल है।
ये तांडवम महादेव का,
या कलयुग का विनाश है।।

परिचय :-  मनीष कुमार सिहारे
पिता : श्री झग्गर सिंह
निवासी : पटेली, जिला बालोद, (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉hindi rakshak manch 👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *